धूप में ठंडक ढूँढना – जीवन के संघर्षों में शांति की खोज || दिलायरी : 07/10/2025

मौसम और मन का संगम प्रियम्वदा ! अकाल में अधिक मास हमेशा मेरे ही साथ होता है। आजकल मौसम बदल रहा है। दिनभर कड़ी ध…
मौसम और मन का संगम प्रियम्वदा ! अकाल में अधिक मास हमेशा मेरे ही साथ होता है। आजकल मौसम बदल रहा है। दिनभर कड़ी ध…
सोमवार का मन और जीवन की थकान प्रियम्वदा ! इस सोमवार की तो क्या कहूँ तुम्हे? मैं समझ नही पा रहा हूँ, कि मैं नौ…
तबियत की शुरुआत – जब शरीर ने थकान जताई प्रियम्वदा ! आज तो दिलायरी लिखनी बनती है। तबियत ठीक भी है, और शायद नही…
प्रियम्वदा ! मैं इसी कारण से किसी बात के लिए उत्साहित नहीं रहता हूँ। क्योंकि अक्सर मेरा उत्साह, मेरी योजनाओं …
मन की बातें और उनका बोझ प्रियम्वदा ! कुछ बातें होती है, जिनका प्रतिसाद हम सुनना नहीं चाहते। बस हमने उन बातों क…
सुरूर में लिखा एक... प्रियम्वदा ! हाँ ! थोड़े से नशे में हूँ, सुरूर कहते है जिसे..! न तो पूर्ण नियंत्रण है अपने…
रास्तों का धैर्य : इंसान और सफर का रिश्ता प्रियंवदा ! तुमने कभी सोचा है, यह रास्ते कितने धैर्यवान है..! धूप ह…
31 दिनों की डायरी, 31 भावनात्मक मुलाक़ातें... यह किताब उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है जो हर किसी के दिल में कहीं न कहीं दबे होते हैं। अगर आपने कभी अकेले में अपने आप से बात की हो, तो ये किताब आपके बहुत क़रीब लगेगी।
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